नारी हूँ

नारी हूँ कमजोर नही हूँ
आज बताने आयी हूँ ।

सुकोमल हूँ अबला नही हूँ
घर बाहर दोनो ही संभालती हूँ।
मैं ही सीता मै ही दुर्गा
मैं ही लक्ष्मीबाई हूँ ।
धीरज धैर्य की बात चले तो
राधा रूक्मणी मीराबाई हूँ ।

माँ बहन बेटी पत्नी बनकर
इस जग मे आई हूँ ।

समय बदला नारी का परिवेश बदला
सुष्मिता कल्पना साइना बनकर छाई हूँ ।

आसमान मे उड़ती सीमा पर लड़ती
हर क्षेत्र मे गौरव बढ़ाती हूँ ।

नारी हूँ कमजोर नही हूँ
आज बताने आयी हूँ ।

श्रीमती प्रियंका त्रिपाठी (31.01.2021)