आशा कम विश्वास बहुत है

आशा कम विश्वास बहुत है श्री बलबीर सिंह “रंग” की अनुपम कृति जाने क्यों तुमसे मिलने की आशा कम, विश्वास बहुत है। सहसा भूली याद तुम्हारी उर में आग लगा …

परिंदे की बेजुबानी

परिंदे की बेजुबानी प्रोफेसर श्री शंभूनाथ तिवारी जी की लोकप्रिय रचना बड़ी ग़मनाक दिल छूती परिंदे की कहानी है! कड़कती धूप हो या तेज़ बारिश का ज़माना हो क़हर तूफ़ां …

माँ

माँ (प्रोफेसर योगेश छिब्बर की लोकप्रिय रचना) लेती नहीं दवाई माँ, जोड़े पाई-पाई माँ। दुःख थे पर्वत, राई माँ, हारी नहीं लड़ाई माँ। इस दुनियां में सब मैले हैं, किस …